
खड्डा,कुशीनगर। बाल अधिकारों की सुरक्षा और बाल विवाहों की रोकथाम के लिए मानव सेवा संस्थान सेवा गोरखपुर के द्वारा अक्षय तृतीया के दिन धर्मगुरुओं, पुरोहितों, मौलवियों के बीच विशेष जागरुकता अभियान चलाकर इन्हें अभियान से जोड़ेगी। इस बात की जानकारी कार्यकारी निदेशक मयंक त्रिपाठी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
सेवा संस्थान के कार्यकारी निदेशक मयंक त्रिपाठी ने कहा कि बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश में नागरिक समाज संगठनों के साथ सहयोगी संगठन के रूप में संस्थान कार्य कर रही है। शादी विवाह के मौसम को देखते हुए बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों, मौलवियों एवं धर्म गुरूओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है क्योंकि बिना इनके वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न नहीं हो सकते, इसलिए इस कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने के लिए इन्हें जोड़ने का फैसला किया गया है।
देश की नागरिक समाज संगठन जस्ट राइट्स फार चिल्ड्रेन (जेआरसी) के सहयोगी संगठन के रूप में कुशीनगर में कर रही कार्य
मानव सेवा संसाधन सेवा गोरखपुर जेआरसी के साथ मिलकर वर्ष 2030 तक कुशीनगर में बाल विवाह कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने के लिए कार्य कर रही है। संस्थान के पदाधिकारियों ने जागरूकता अभियान में बाल विवाह को दंडनीय अपराध बताते हुए बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के बारे में ज्यादे से ज्यादे लोगों को जागरूक करने की बात बताते हुए सभी प्रबुद्ध जन, समाजसेवी एवं जनसामान्य से सहयोग की अपील की है।